त्रिभुज से संबंधित महत्वपूर्ण रेखाएं और बिंदु (Important Lines and Points related to a Triangle)
Overview
इस लेख में हम गणित के एक महत्त्वपूर्ण अध्याय के बारे में जानेंगे - Important Lines and Points related to a Triangle, in Hindi
इस अध्याय से सम्बंधित, अन्य विषयों के बारे में जानने के लिए आप हमारे निम्नलिखित लेख पढ़ सकते हैं:
- ज्यामिति क्या होती है?
- ज्यामिति में रेखाएं और कोण
- ज्यामिति में त्रिभुज
- त्रिभुज से संबंधित महत्वपूर्ण रेखाएं और बिंदु
- त्रिभुज से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रमेय और नियम
- समरूपता प्रमेय और उनके अनुप्रयोग
- त्रिभुजों की सर्वांगसमता और समरूपता क्या होती हैं?
- त्रिभुज के क्षेत्रफल से सम्बंधित सूत्र और गुण
- चतुर्भुज और उसके गुण
- चतुर्भुज के क्षेत्रफल से सम्बंधित सूत्र और गुण
- समांतर चतुर्भुज और उसके गुण
- समलंब चतुर्भुज और उसके गुण
- बहुभुज और उसके गुण
- वृत्त और उसके गुण
- वृत्त प्रमेय
इस लेख में हम त्रिभुज से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण रेखाओं और बिंदुओं के बारे में जानेंगे। इस खंड से आपको एप्टीट्यूड परीक्षा में कई प्रश्न मिलेंगे।
यदि हम किसी त्रिभुज के किसी शीर्ष से विपरीत भुजा (या विस्तारित विपरीत भुजा) पर एक रेखा डालते हैं, तो वह रेखा सेवियन (Cevian) कहलाती है।
त्रिभुज में विभिन्न प्रकार के सेवियन होती हैं: माध्यिका (Medians), शीर्षलंब (Altitudes), कोण समद्विभाजक (Angle Bisectors)
हम इन सभी के बारे में अध्ययन करेंगे, साथ ही कुछ अन्य महत्वपूर्ण रेखाएं, जैसे लंबवत द्विभाजक (Perpendicular Bisectors)
माध्यिका (Medians)
माध्यिका एक सीधी रेखा है, जो त्रिभुज के एक शीर्ष को विपरीत भुजा के मध्य-बिंदु से जोड़ती है।
यदि AD = DB है, तो CD एक माध्यिका होनी चाहिए।
माध्यिका के गुण (Properties of Medians)
गुण 1: माध्यिका की स्थिति (Position of Medians)
चूँकि एक त्रिभुज में तीन शीर्ष (vertices) होते हैं, इसलिए स्पष्ट रूप से इसकी तीन माध्यिकाएँ भी होंगी। और तीनों माध्यिकाएं हमेशा त्रिभुज के अंदर स्थित होंगी। यह किसी भी प्रकार के त्रिभुज के लिए सत्य है।
गुण 2: माध्यिका की लंबाई (Length of Medians)
समबाहु त्रिभुज (equilateral triangle) में तीनों माध्यिकाओं की लंबाई समान होती है।
विषमबाहु त्रिभुज (scalene triangle) में तीनों माध्यिकाएँ असमान होती हैं।
समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles triangle) में, दो माध्यिकाएँ बराबर होती हैं, जबकि तीसरी एक भिन्न लंबाई की होती है। दो समान कोणों के शीर्ष से खींची गई माध्यिकाएं बराबर होती हैं। जबकि, असमान कोण के शीर्ष से खींची गई माध्यिका भिन्न लंबाई की होती है, भुजा के लंबवत होती है और शीर्ष कोण को समद्विभाजित करती है।
समकोण त्रिभुज (right-angled triangle) में, समकोण के शीर्ष से कर्ण (hypotenuse) तक खींची गई माध्यिका, कर्ण की लम्बाई की आधी के बराबर होती है।
AD = \(\frac{1}{2}\) BC
इससे उल्टा भी सच है। अर्थात्, यदि एक माध्यिका उसकी संगत भुजा (corresponding side) के आधे के बराबर है, तो इसका अर्थ है कि त्रिभुज एक समकोण त्रिभुज होना चाहिए।
त्रिभुज का परिमाप (Perimeter) > त्रिभुज की तीनों माध्यिकाओं का योग
किसी त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं का योग > तीसरी भुजा की ओर खींची गई माध्यिका का दोगुना।
CA + CB > 2 CD
अब, माध्यिका से संबंधित कुछ और गुण देखते हैं।
गुण 3
माध्यिकाएँ त्रिभुज को छह छोटे त्रिभुजों में विभाजित करती हैं। इन छोटे त्रिभुजों में से प्रत्येक का क्षेत्रफल समान होता है।
गुण 4
किसी माध्यिका (P) के मध्यबिंदु को किसी शीर्ष (vertex) से मिलाने वाला रेखाखंड (AQ), यदि बढ़ाया जाए, तो तीसरी भुजा (CB) को 1:2 के अनुपात में विभाजित कर देता है।
यदि CD माध्यिका है, और P, CD का मध्यबिंदु है, तो:
- CQ : QB = 1 : 2 या
CQ = \(\frac{1}{3}\) CB
केन्द्रक (Centroid)
त्रिभुज का केन्द्रक वह बिंदु होता है, जहाँ उसकी तीनों माध्यिकाएँ प्रतिच्छेद करती हैं।
किसी भी त्रिभुज की तीनों माध्यिकाएँ सदैव समवर्ती (concurrent) होती हैं। अर्थार्थ, वे सब किसी उभय-निष्ठ बिंदु (common point) पर प्रतिच्छेद (intersect) करती हैं।
केन्द्रक से संबंधित गुण (Properties related to Centroid)
गुण 1
केन्द्रक माध्यिका (median) को 2:1 के अनुपात में विभाजित करता है।
उदाहरण के लिए, उपरोक्त आकृति में OC: OD = 2: 1
गुण 2
यदि हम केन्द्रक और किन्हीं दो भुजाओं के मध्य बिंदुओं को मिला कर एक त्रिभुज बनाते हैं, तो उसका क्षेत्रफल मूल त्रिभुज के क्षेत्रफल का \(\frac{1}{12}\) होगा।
∆OPQ का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{12}\) × ∆ABC का क्षेत्रफल
शीर्षलंब (Altitudes)
त्रिभुज का शीर्षलंब, एक लंब रेखा खंड होता है जो किसी शीर्ष से विपरीत भुजा पर खींचा जाता है। तो, यह मूल रूप से त्रिभुज की ऊंचाई है।
उपरोक्त आकृति में, CD भुजा AB के सापेक्ष शीर्षलंब है।
जाहिर है, शीर्षलंब किसी शीर्ष से विपरीत भुजा तक सबसे छोटी दूरी को निरूपित करता है।
शीर्षलंब के गुण (Properties of Altitudes)
गुण 1: शीर्षलंब की स्थिति (Position of Altitudes)
किसी न्यूनकोण त्रिभुज (acute angled triangle) में तीनों शीर्षलंब त्रिभुज के अंदर होते हैं।
एक समकोण त्रिभुज (right angled triangle) में, समकोण वाली दो भुजाएँ शीर्षलंब भी होती हैं। जबकि, समकोण के शीर्ष से कर्ण (hypotenuse) तक का शीर्षलंब त्रिभुज के अंदर होगा।
उपरोक्त आकृति में, CA, BA और AD क्रमशः AB, AC और BC भुजाओं पर शीर्षलंब हैं।अधिक कोण वाले त्रिभुज (obtuse angled triangle) में न्यून कोणों से दो शीर्षलंब त्रिभुज के बाहर होंगे। जबकि अधिक कोण से निकलने वाला शीर्षलंब त्रिभुज के अंदर होगा।
उपरोक्त आकृति में, AP, BQ और CR क्रमशः BC, AC और AB भुजाओं पर शीर्षलंब हैं।
गुण 2: शीर्षलंब की लंबाई (Length of Altitudes)
सबसे लंबी भुजा का संगत शीर्षलंब (corresponding altitude) सबसे कम लम्बा होता है। इसी तरह, सबसे छोटी भुजा का संगत शीर्षलंब (corresponding altitude) सबसे ज्यादा लम्बा होता है।
समबाहु त्रिभुज (equilateral triangle) में शीर्षलंब और माध्यिका समान होती है। और इसलिए, जैसा कि माध्यिका के मामले में था, तीनों शीर्षलंब लंबाई में बराबर होते हैं।
विषमबाहु त्रिभुज (scalene triangle) में तीनों शीर्षलंब असमान होते हैं।
समद्विबाहु त्रिभुज (isosceles triangle) में, दो शीर्षलंब समान होते हैं, जबकि तीसरा एक भिन्न लंबाई का होता है। दो समान कोणों के शीर्ष से खींचे गए (विपरीत समान भुजाओं पर) शीर्षलंब समान होते हैं। जबकि, असमान कोण के शीर्ष से खींचा गया (विपरीत असमान भुजा पर) शीर्षलंब एक भिन्न लंबाई का होता है, यह उस भुजा की माध्यिका भी होती है और शीर्ष कोण को समद्विभाजित करती है (अर्थात यह शीर्षलंब, माध्यिका और कोणीय समद्विभाजक तीनों होती है)।
यदि CA = CB तो AP = BQ
CR न केवल शीर्षलंब है, बल्कि माध्यिका और ∠ACB का कोणीय समद्विभाजक भी है।
लंबकेन्द्र (Orthocentre)
त्रिभुज का लंबकेन्द्र वह बिंदु होता है, जहां उसके तीनों शीर्षलंब (altitudes) प्रतिच्छेद करते हैं।
किसी भी त्रिभुज के तीनों शीर्षलंब सदैव समवर्ती (concurrent) होते हैं। अर्थार्थ, वे सब किसी उभय-निष्ठ बिंदु (common point) पर प्रतिच्छेद (intersect) करती हैं।
लंबकेन्द्र से संबंधित गुण (Properties related to Orthocentre)
गुण 1: लंबकेन्द्र की स्थिति (Position of Orthocentre)
किसी न्यूनकोण त्रिभुज में, लंबकेन्द्र त्रिभुज के अंदर स्थित होगा।
किसी भी समकोण त्रिभुज में, लंबकेन्द्र समकोण का शीर्ष (vertex) होता है।
किसी भी अधिक कोण वाले त्रिभुज में, लंबकेन्द्र त्रिभुज के बाहर स्थित होगा।
गुण 2
किसी भी समबाहु त्रिभुज में, केन्द्रक और लंबकेन्द्र एक ही बिंदु होते हैं।
समद्विबाहु त्रिभुज में, केन्द्रक और लंबकेन्द्र संरेख (collinear) बिन्दु होते हैं।
विषमबाहु त्रिभुज में, केन्द्रक और लंबकेन्द्र तीन असंरेखीय (non-collinear) बिंदु होते हैं।
त्रिभुज के तीन शीर्षलंबों का योग < त्रिभुज की तीन भुजाओं का योग
गुण 3
हम पहले से ही जानते हैं कि, किसी भी समद्विबाहु त्रिभुज में केन्द्रक और लंबकेन्द्र भिन्न होते हैं, लेकिन संरेख बिंदु होते हैं।
इसके अलावा, किसी भी समद्विबाहु त्रिभुज में, ये दोनों बिंदु असमान कोण के शीर्ष से विपरीत असमान भुजा की ओर खींची गई शीर्षलंब और माध्यिका पर स्थित होते हैं।
इससे उल्टा भी सच है। यदि किसी त्रिभुज में, हम पाते हैं कि केन्द्रक और लम्बकेन्द्र को मिलाने वाली रेखा किसी भुजा की शीर्षलंब है, और उसे समद्विभाजित भी करती है (जैसे माध्यिका करती है), तो वह त्रिभुज एक समद्विबाहु त्रिभुज होना चाहिए।
गुण 4
किसी त्रिभुज की किसी भुजा द्वारा लंब-केंद्र पर बनाया गया कोण उसके सम्मुख कोण (opposite angle) का संपूरक (supplementary) होता है।
अत:, ∠AOB + ∠ACB = 180°
कोण समद्विभाजक (Angle Bisectors)
किसी त्रिभुज का कोण समद्विभाजक, एक शीर्ष को विपरीत भुजा से मिलाने वाला एक रेखाखंड होता है, और शीर्ष कोण को समद्विभाजित करता है।
उपरोक्त आकृति में, CD कोण ∠ACB का कोण समद्विभाजक है।
कोण समद्विभाजक के गुण (Properties of Angle Bisectors)
गुण 1: कोण समद्विभाजक की स्थिति (Position of Angle Bisectors)
चूँकि एक त्रिभुज में तीन शीर्ष होते हैं, इसलिए स्पष्ट रूप से इसमें तीन कोण समद्विभाजक होंगे। और तीनों कोणों के समद्विभाजक हमेशा त्रिभुज के अंदर होंगे (बिल्कुल माध्यिका की तरह ही)। यह किसी भी त्रिभुज के लिए सत्य है।
गुण 2: कोण समद्विभाजक की लंबाई (Length of Angle Bisectors)
- किसी भी समबाहु त्रिभुज में, तीनों कोणों के समद्विभाजक की लंबाई समान होती है।
किसी भी समबाहु त्रिभुज में माध्यिका, शीर्षलंब और कोण समद्विभाजक एक ही रेखाखंड होते हैं।
किसी भी विषमकोण त्रिभुज में, तीनों कोणों के समद्विभाजक लंबाई में असमान होते हैं।
किसी भी समद्विबाहु त्रिभुज में, दो कोण समद्विभाजक बराबर होते हैं, जबकि तीसरा एक अलग लंबाई का होता है। दो समान कोणों के शीर्ष से खींचे गए कोण समद्विभाजक बराबर होते हैं। जबकि, असमान कोण के शीर्ष से खींचा गया कोण समद्विभाजक अलग लंबाई का होता है, तथा शीर्षलंब के साथ-साथ उस विपरीत भुजा की माध्यिका भी होता है।
उपरोक्त आकृति में, ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है, क्योंकि ∠A = ∠B है। AP, BQ और CR कोण समद्विभाजक हैं और AP = BQ हैं।
गुण 3
त्रिभुज का कोणीय द्विभाजक विपरीत भुजा को अन्य दो भुजाओं के अनुपात में विभाजित करता है।
यदि उपरोक्त आकृति में CD एक कोणीय द्विभाजक है, तो \(\frac{AD}{BD} = \frac{AC}{BC}\)
दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि यदि त्रिभुज के एक शीर्ष से गुजरने वाली रेखा विपरीत भुजा को अन्य दो भुजाओं के अनुपात में विभाजित करती है, तो वह रेखा शीर्ष के कोण की कोणीय द्विभाजक होनी चाहिए।
इसी प्रकार, किसी त्रिभुज के किसी कोण का बाह्य कोणीय समद्विभाजक (external angular bisector), विपरीत भुजा को बाहरी रूप से (externally) विभाजित करता है, उस कोण को समाहित करने वाली भुजाओं के अनुपात में|
यदि उपरोक्त आकृति में CD एक बाहरी कोणीय समद्विभाजक है, तो \(\frac{AD}{BD} = \frac{AC}{BC}\)
गुण 4: दो कोणीय समद्विभाजकों द्वारा बनाया गया कोण (Angle made by two Angular Bisectors)
आंतरिक कोणों के कोणीय समद्विभाजक (Angular Bisectors of interior angles)
किन्हीं दो कोणों के कोणीय समद्विभाजकों द्वारा बनाया गया कोण = 90° + \(\frac{1}{2}\) × तीसरा कोण।
∠ADB = 90° + \(\frac{1}{2}\) ∠ACB
दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि किसी त्रिभुज की किसी भी भुजा द्वारा अंतःकेंद्र (incentre) पर बनाया गया कोण 90° + \(\frac{1}{2}\) × विपरीत कोण के बराबर होता है
हम जल्द ही अंतःकेंद्र (incentre) के बारे में अध्ययन करेंगे।
बाह्य कोणों के कोणीय समद्विभाजक (Angular Bisectors of exterior angles)
किन्हीं दो बाह्य कोणों (exterior angles) के कोणीय समद्विभाजकों द्वारा बनाया गया कोण = 90° - \(\frac{1}{2}\) × तीसरा कोण
∠ADB = 90° - \(\frac{1}{2}\) ∠ACB
आंतरिक कोण और बाह्य कोण के कोणीय समद्विभाजक (Angular Bisectors of interior angle and exterior angle)
एक आंतरिक और एक बाह्य कोण के कोणीय समद्विभाजकों द्वारा बनाया गया कोण = \(\frac{1}{2}\) × तीसरा कोण
∠ADB = \(\frac{1}{2}\) ∠ACB
गुण 5
किसी शीर्ष पर शीर्षलंब और कोण समद्विभाजक द्वारा बनाया गया कोण = अन्य दो विपरीत कोणों के बीच के अंतर का आधा
उपरोक्त आकृति में, CD शीर्षलंब है (CD ⊥ AB), और CE ∠C का कोणीय समद्विभाजक है।
तो, ∠DCE = \(\frac{1}{2}\) (∠A – ∠B)
अंतःकेंद्र (Incentre)
त्रिभुज का अंतःकेंद्र वह बिंदु होता है, जहां उसके तीनों आंतरिक समद्विभाजक (internal bisectors) प्रतिच्छेद करते हैं।
किसी भी त्रिभुज के तीन आंतरिक समद्विभाजक सदैव समवर्ती (concurrent) होते हैं। अर्थार्थ, वे सब किसी उभय-निष्ठ बिंदु (common point) पर प्रतिच्छेद (intersect) करती हैं।
अंतःकेंद्र से संबंधित गुण (Properties related to Incentre)
गुण 1: अंतःकेंद्र की स्थिति (Position of Incentre)
किसी भी त्रिभुज में, अंतःकेंद्र हमेशा त्रिभुज के अंदर होता है।
गुण 2
किसी त्रिभुज का अंतःकेंद्र उस त्रिभुज की तीनों भुजाओं से समान दूरी पर होता है।
उपरोक्त आकृति में, IP = IQ = IR
गुण 3
किसी भी समबाहु त्रिभुज में केन्द्रक, लम्बकेन्द्र और अंतःकेंद्र एक ही बिंदु होते हैं।
किसी भी समद्विबाहु त्रिभुज में, केन्द्रक, लम्बकेन्द्र और अंतःकेंद्र तीन भिन्न संरेख (collinear) बिन्दु होते हैं।
किसी भी विषमकोण त्रिभुज में, केन्द्रक, लम्बकेन्द्र और अंतःकेंद्र तीन भिन्न असंरेख (non-collinear) बिन्दु होते हैं।
गुण 4
हम पहले से ही जानते हैं कि, किसी भी समद्विबाहु त्रिभुज में केन्द्रक, लम्बकेन्द्र और अंतःकेंद्र अलग-अलग होते हैं, लेकिन संरेख बिंदु होते हैं।
इसके अलावा, किसी भी समद्विबाहु त्रिभुज में, ये सभी तीन बिंदु कोण-समद्विभाजक, शीर्षलंब और असमान कोण के शीर्ष से विपरीत असमान भुजा तक खींची गई माध्यिका पर स्थित होते हैं।
अंतःवृत्त (Incircle)
अंतःवृत्त एक त्रिभुज के अंदर एक वृत्त होता है, इस प्रकार कि:
- यह उस त्रिभुज की तीनों भुजाओं को स्पर्श करता है, और
- इसका केंद्र उस त्रिभुज का अंतःकेंद्र (incentre) होता है
अन्तत्रिज्या सूत्र (Inradius formulae)
अन्तत्रिज्या सूत्र 1
किसी भी त्रिभुज की अंतःत्रिज्या = \(\frac{त्रिभुज \hspace{1ex} का \hspace{1ex} क्षेत्रफल \hspace{1ex} (Area)}{त्रिभुज \hspace{1ex} की \hspace{1ex} अर्द्ध \hspace{1ex} परिधि \hspace{1ex} (Semi-Perimeter)}\)
अन्तत्रिज्या सूत्र 2
आरेख:
समकोण त्रिभुज की अंतःत्रिज्या = \(\frac{आधार (Base) + ऊँचाई (Height) - कर्ण (Hypotenuse)}{2}\)
बाह्य केंद्र (Excentre)
त्रिभुज का बाह्य केंद्र एक ऐसा बिंदु होता है, जहां उसका एक आंतरिक समद्विभाजक और उसके दो बाह्य समद्विभाजक प्रतिच्छेद करते हैं, अर्थात यह एक कोण के आंतरिक समद्विभाजक और अन्य दो कोणों के बाह्य समद्विभाजक का प्रतिच्छेदन बिंदु होता है।
बाह्य वृत्त (Excircle)
त्रिभुज का बाह्य वृत्त (excircle or escribed circle) इसकी एक भुजा को स्पर्श करता है और अन्य दो भुजाओं के विस्तार को भी स्पर्श करता है। यह हमेशा त्रिभुज के बाहर स्थित होता है।
प्रत्येक त्रिभुज में तीन अलग-अलग बाह्य वृत्त होते हैं, प्रत्येक भुजा को स्पर्श करते हुए।
त्रिभुज के बाह्य वृत्त हमेशा उसके अंतःवृत्त से बड़े होते हैं।
किसी त्रिभुज का सबसे बड़ा बाह्य वृत्त उसकी सबसे लंबी भुजा को स्पर्श कर रहा होता है, जबकि सबसे छोटा बाह्य वृत्त उसकी सबसे छोटी भुजा को स्पर्श कर रहा होता है।
बाह्य त्रिज्या (Exradii)
बाह्य वृत्तों की त्रिज्याओं को बाह्य त्रिज्या (Exradii) कहा जाता है। क्यूंकि हमारे पास एक त्रिभुज में 3 बाह्य वृत्त होते हैं, इसलिए हमारे पास 3 बाह्य त्रिज्या भी होती हैं।
ऊपर दिखाए गए त्रिभुज में, यदि a, b और c त्रिभुज ABC की भुजाएँ हैं, s त्रिभुज ABC का अर्ध-परिधि (semi-perimeter) है, और ∆ त्रिभुज ABC का क्षेत्रफल है, तो:
\(r_1 = \frac{∆}{s - a}\)
\(r_2 = \frac{∆}{s - b}\)
\(r_3 = \frac{∆}{s - c}\)
लंबवत समद्विभाजक (Perpendicular Bisectors)
किसी त्रिभुज की एक भुजा का लंब समद्विभाजक वह रेखा होती है जो उस भुजा के मध्य-बिंदु से होकर गुजरती है और उस पर लंबवत भी होती है।
माध्यिका, शीर्षलंब और कोण समद्विभाजक के विपरीत, यह आवश्यक नहीं है की लंबवत समद्विभाजक भी किसी शीर्ष से गुजरे।
लंब समद्विभाजक के गुण (Properties of Perpendicular Bisectors)
गुण 1: लंब समद्विभाजक की लंबाई (Length of Perpendicular Bisectors)
- समबाहु त्रिभुज में तीनों लम्ब समद्विभाजकों की लम्बाई समान होती है।
किसी भी समबाहु त्रिभुज में माध्यिका, शीर्षलंब, कोण समद्विभाजक और लंब समद्विभाजक एक ही रेखाखंड होते हैं।
किसी भी विषमबाहु त्रिभुज में, तीनों लम्ब समद्विभाजक लंबाई में असमान होते हैं। उनमें से कोई भी शीर्षों से नहीं गुजरता है।
किसी भी समद्विबाहु त्रिभुज में, दो लंबवत द्विभाजक बराबर होते हैं, जबकि तीसरा एक अलग लंबाई का होता है। समान भुजाओं पर खींचे गए लम्ब समद्विभाजक समान होते हैं। जबकि, असमान भुजा पर खींचा गया लंबवत द्विभाजक एक अलग लंबाई का होता है, यह माध्यिका, शीर्षलंब और साथ ही कोण समद्विभाजक भी होता है।
ऊपर दिए गए चित्र में, PP' = QQ'
एक समद्विबाहु त्रिभुज की समान भुजाओं पर खींचे गए लंब समद्विभाजक शीर्षों से नहीं गुजरते हैं।
परिकेन्द्र (Circumcentre)
त्रिभुज का परिकेन्द्र वह बिन्दु होता है, जहाँ उसकी भुजाओं के तीन लम्ब समद्विभाजक प्रतिच्छेद करते हैं।
दूसरे शब्दों में, त्रिभुज की किसी भी भुजा के मध्यबिंदु और परिकेन्द्र को मिलाने वाला रेखाखंड, उस भुजा पर लंबवत (perpendicular) होना चाहिए| इसके विपरीत भी सही है।
किसी भी त्रिभुज के तीन लम्ब समद्विभाजक सदैव संगामी (concurrent) होते हैं। अर्थार्थ, वे सब किसी उभय-निष्ठ बिंदु (common point) पर प्रतिच्छेद (intersect) करती हैं।
परिकेन्द्र से संबंधित गुण (Properties related to Circumcentre)
गुण 1: परिकेन्द्र की स्थिति (Position of Circumcentre)
- किसी भी न्यूनकोण त्रिभुज में, परिकेन्द्र हमेशा त्रिभुज के अंदर होगा।
- किसी भी समकोण त्रिभुज में परिकेन्द्र सदैव कर्ण के मध्य बिन्दु पर होगा।
- किसी भी अधिक कोण वाले त्रिभुज में परिकेन्द्र सदैव त्रिभुज के बाहर होगा।
गुण 2
एक त्रिभुज का परिकेन्द्र उस त्रिभुज के तीनों शीर्षों से समान दूरी पर होता है।
उपरोक्त आकृति में, DA = DB = DC
गुण 3
किसी भी समबाहु त्रिभुज में केन्द्रक, लम्बकेन्द्र, अंतःकेंद्र और परिकेन्द्र एक ही बिंदु होते हैं।
किसी भी समद्विबाहु त्रिभुज में, केन्द्रक, लम्बकेन्द्र, अंतःकेंद्र और परिकेन्द्र चार भिन्न संरेख (collinear) बिन्दु होते हैं।
किसी भी विषमबाहु त्रिभुज में, केन्द्रक, लम्बकेन्द्र, अंतःकेंद्र और परिकेंद्र चार अलग-अलग असंरेखीय (non-collinear) बिंदु होते हैं।
गुण 4
हम पहले से ही जानते हैं कि, किसी भी समद्विबाहु त्रिभुज में केन्द्रक, लम्बकेन्द्र, अंतःकेंद्र और परिकेंद्र अलग-अलग होते हैं, लेकिन संरेख बिंदु होते हैं।
इसके अलावा, किसी भी समद्विबाहु त्रिभुज में, ये सभी चार बिंदु असमान भुजा के मध्य बिंदु और शीर्ष को मिलाने वाले रेखाखंड पर स्थित होते हैं।
गुण 5
किसी त्रिभुज की किसी भी भुजा द्वारा परिकेन्द्र पर बनाया गया कोण सम्मुख कोण (opposite angle) का दोगुना होता है।
उपरोक्त आकृति में, ∠ADC = 2 ∠ABC
एक वृत्त की जीवा/chord (AB) द्वारा दीर्घ चाप (major arc) पर बनाया गया कोण, उस वृत्त के केंद्र पर उसके द्वारा बनाए गए कोण का आधा होता है।
परिवृत्त (Circumcircle)
परिवृत्त एक ऐसा वृत्त है जो त्रिभुज के तीनों शीर्षों से होकर गुजरता है, और उसका केंद्र उस त्रिभुज का परिकेन्द्र होता है।
परित्रिज्या (Circumradius formulae)
परित्रिज्या सूत्र 1
परित्रिज्या की लंबाई = \(\frac{भुजाओं \hspace{1ex} का \hspace{1ex} गुणनफल}{4 × त्रिभुज \hspace{1ex} का \hspace{1ex} क्षेत्रफल}\)
परित्रिज्या सूत्र 2
किसी भी समकोण त्रिभुज में, कर्ण उसके परिवृत्त का व्यास (diameter) होता है।
परित्रिज्या सूत्र 3
किसी भी समबाहु त्रिभुज में, जिसकी प्रत्येक भुजा 'a' लम्बाई की हो:
अन्तत्रिज्या = \(\frac{a}{2\sqrt{3}}\) and परित्रिज्या = \(\frac{a}{\sqrt{3}}\)
अंत:त्रिज्या : परित्रिज्या = 1 : 2
अंत:वृत्त का क्षेत्रफल : परिवृत्त का क्षेत्रफल = 1 : 4