त्रिभुजों की सर्वांगसमता और समरूपता क्या होती हैं? (What are Congruency and Similarity of Triangles?)
Overview
इस लेख में हम गणित के एक महत्त्वपूर्ण अध्याय के बारे में जानेंगे - What are Congruency and Similarity of Triangles?, in Hindi
इस अध्याय से सम्बंधित, अन्य विषयों के बारे में जानने के लिए आप हमारे निम्नलिखित लेख पढ़ सकते हैं:
- ज्यामिति क्या होती है?
- ज्यामिति में रेखाएं और कोण
- ज्यामिति में त्रिभुज
- त्रिभुज से संबंधित महत्वपूर्ण रेखाएं और बिंदु
- त्रिभुज से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रमेय और नियम
- समरूपता प्रमेय और उनके अनुप्रयोग
- त्रिभुजों की सर्वांगसमता और समरूपता क्या होती हैं?
- त्रिभुज के क्षेत्रफल से सम्बंधित सूत्र और गुण
- चतुर्भुज और उसके गुण
- चतुर्भुज के क्षेत्रफल से सम्बंधित सूत्र और गुण
- समांतर चतुर्भुज और उसके गुण
- समलंब चतुर्भुज और उसके गुण
- बहुभुज और उसके गुण
- वृत्त और उसके गुण
- वृत्त प्रमेय
इस लेख में हम त्रिभुजों से संबंधित इन अवधारणाओं के बारे में अध्ययन करेंगे: सर्वांगसमता (Congruency) और समरूपता (Similarity)
त्रिभुजों की सर्वांगसमता क्या होती है? (What is Congruency of Triangles?)
सर्वांगसमता का अर्थ है सामंजस्य या अनुकूलता।
दो त्रिभुजों को सर्वांगसम (congruent) कहा जाता है, यदि वे आकार (size) और प्रकार (shape) दोनों में समान हों। यानी वे हर तरह से समान हैं - उनमें से एक को ठीक दूसरे के ऊपर रखा (superimpose) जा सकता है|
यह प्रतीक ≅ द्वारा निरूपित किया जाता है।
उदाहरण के लिए, यदि ∆ABC ≅ ∆PQR, तो:
संगत कोण (Corresponding angles) सर्वांगसम होते हैं: ∠A = ∠P; ∠B = ∠Q; ∠C = ∠R
संगत भुजाएँ (Corresponding sides) सर्वांगसम होती हैं: AB = PQ; BC = QR; AC = PR
त्रिभुजों की सर्वांगसमता से संबंधित गुण (Properties related to Congruency of triangles)
गुण 1
यदि दो त्रिभुज सर्वांगसम हैं, तो उनके सभी संगत (corresponding) भाग समान होंगे, अर्थात् उनकी भुजाएँ, कोण। उनका क्षेत्रफल (area) और परिमाप (perimeter) भी समान होगा।
दो सर्वांगसम त्रिभुज निश्चित रूप से समकोण होंगे, अर्थात उनके संगत कोण समान होंगे।
हालांकि, इसके विपरीत सच नहीं भी हो सकता है। अर्थात्, यदि दो त्रिभुज समकोण हों, तो उनका सर्वांगसम होना आवश्यक नहीं है। समान संगत कोण वाले दो त्रिभुजों की भुजाएँ भिन्न लंबाई की हो सकती हैं।
गुण 2
यदि ∆ABC ≅ ∆PQR और ∆PQR ≅ ∆XYZ, तो ∆ABC ≅ ∆XYZ
त्रिभुजों के सर्वांगसमता नियम (Congruency rules of triangles)
अब, आइए उन शर्तों को देखें जो पूर्ण होने पर दिए गए त्रिभुजों की सर्वांगसमता सिद्ध करने के लिए पर्याप्त मानी जाएंगी।
दो त्रिभुज निश्चित रूप से एक दूसरे के सर्वांगसम होंगे यदि वे निम्नलिखित में से किसी एक भी मानदंड को पूरा करते हैं।
SSS नियम
यह भुजा-भुजा-भुजा (side-side-side) सर्वांगसमता मानदंड है।
यदि दिए गए दो त्रिभुजों की संगत भुजाओं की लंबाई बराबर है, तो इसका अर्थ है कि वे दो त्रिभुज सर्वांगसम हैं।
AB = PQ; BC = QR; AC = PR
अत:, ∆ABC ≅ ∆PQR
SAS नियम
यह भुजा-कोण-भुजा (side-angle-side) सर्वांगसमता मानदंड है।
दो त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं यदि:
- उनकी दो संगत भुजाएँ लंबाई में बराबर हैं, अर्थात BC = QR; AC = PR, और
- उन दोनों भुजाओं के बीच का कोण भी बराबर है, अर्थात ∠C = ∠R
अत:, ∆ABC ≅ ∆PQR
ASA नियम
यह कोण-भुजा-कोण (angle-side-angle) सर्वांगसमता मानदंड है।
दो त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं यदि:
- उनके दो संगत कोण बराबर हैं, अर्थात् ∠A = ∠P; ∠B = ∠Q, और
- उन दो कोणों के बीच की भुजा भी बराबर है, अर्थात AB = PQ
अत:, ∆ABC ≅ ∆PQR
AAS नियम
यह कोण-कोण-भुजा (angle-angle-side) सर्वांगसमता मानदंड है।
दो त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं यदि:
- उनके दो संगत कोण बराबर हैं, अर्थात् ∠A = ∠P; ∠B = ∠Q, और
- उन दो कोणों के बीच की भुजा के अलावा कोई और एक भुजा भी बराबर है, अर्थात AC = PR, या BC = QR
अत:, ∆ABC ≅ ∆PQR
यदि हम ASA और AAS नियमों को एक साथ देखें, तो हम कह सकते हैं कि दो त्रिभुज सर्वांगसम होंगे यदि:
- उनके दो संगत कोण बराबर हैं, तथा
- उनकी कोई संगत भुजा बराबर है (चाहे वह भुजा दो बराबर कोणों के बीच की हो या नहीं)
RHS नियम
दो समकोण त्रिभुजों के मामले में, वे सर्वांगसम होंगे यदि:
- उनके कर्ण बराबर हैं, अर्थात BC = QR
- एक समकोण त्रिभुज की कोई दूसरी भुजा, दूसरे समकोण त्रिभुज की संगत भुजा के बराबर है, अर्थात AB = PQ, या AC = PR
चूंकि दोनों त्रिभुज समकोण त्रिभुज हैं, उनका एक कोण तो समान होगा ही, अर्थार्थ \(90^o\) वाला कोण।
आरेख:
अत:, ∆ABC ≅ ∆PQR
त्रिभुजों की समरूपता क्या होती है? (What is Similarity of Triangles?)
दो त्रिभुजों को समरूप (similar) कहा जाता है, यदि उनका प्रकार या रूप (shape) समान हो (लेकिन उनका आकार/size समान होना आवश्यक नहीं है)।
यह प्रतीक ~ द्वारा निरूपित किया जाता है।
सर्वांगसमता और समरूपता के बीच अंतर पर ध्यान दें:
सर्वांगसम त्रिभुज हर प्रकार से समान होते हैं - उनमें से एक को दूसरे पर अध्यारोपित करा जा सकता है। उनका एक ही आकार (size) और प्रकार (shape) होता है।
समरूप त्रिभुजों का प्रकार (shape) समान होता है। पर उनका आकार (size) भिन्न हो सकता है, अर्थात एक त्रिभुज दूसरे से बड़ा/छोटा हो सकता है।
उदाहरण के लिए, यदि ABC ~ PQR, तो:
संगत कोण समान/बराबर होते हैं: ∠A = ∠P; ∠B = ∠Q; ∠C = ∠R
संगत भुजा समान हो सकती हैं, या नहीं भी।
त्रिभुजों की समरूपता से संबंधित गुण (Properties related to Similarity of triangles)
गुण 1
यदि दो त्रिभुज समरूप हों, तो उनकी संगत भुजाएँ समानुपाती (proportional) होंगी।
इसी प्रकार, उनके सभी अन्य संगत भाग (कोणों को छोड़कर) भी समानुपाती होंगे, जैसे की माध्यिकाएँ, शीर्षलंब, कोण समद्विभाजक, लंब समद्विभाजक, आदि।
दो समरूप त्रिभुज (similar triangles) निश्चित रूप से समकोण (equiangular) होंगे, अर्थात उनके संगत कोण समान होंगे। इसी प्रकार, यदि दो त्रिभुज समकोण हों, तो वे समरूप होने चाहियें।
गुण 2
यदि दो त्रिभुज समरूप हों, तो उनका क्षेत्रफल और परिमाप भी समानुपाती होगा।
उनके परिमापों के बीच का अनुपात = उनकी संगत भुजाओं के बीच का अनुपात
उनके क्षेत्रफलों के बीच का अनुपात = उनकी संगत भुजाओं के वर्ग के बीच का अनुपात
गुण 3
यदि ∆ABC ~ ∆PQR और ∆PQR ~ ∆XYZ, तो ∆ABC ~ ∆XYZ
त्रिभुजों के समरूपता नियम (Similarity rules of triangles)
अब, आइए उन शर्तों को देखें जो पूर्ण होने पर दिए गए त्रिभुजों की समरूपता को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त मानी जाएंगी।
दो त्रिभुज निश्चित रूप से एक दूसरे के समरूप होंगे, यदि वे निम्नलिखित में से किसी एक भी मानदंड को पूरा करते हैं।
AAA नियम
यह कोण-कोण-कोण (angle-angle-angle) समरूपता मानदंड है।
यदि दिए गए दो त्रिभुजों के संगत कोण बराबर हैं, तो इसका अर्थ है कि वे दो त्रिभुज समरूप हैं।
∠A = ∠P; ∠B = ∠Q; ∠C = ∠R
अत:, ∆ABC ~ ∆PQR
इसे AA नियम भी कहा जाता है, क्योंकि यदि दो त्रिभुजों के दो संगत कोण बराबर हों, तो स्पष्ट है कि तीसरा संगत कोण भी बराबर होगा।
उदाहरण के लिए, यदि ∠A = ∠P, और ∠B = ∠Q, तो यह निश्चित है कि ∠C = ∠R
SSS नियम
यह भुजा-भुजा-भुजा (side-side-side) समरूपता मानदंड है।
यदि दिए गए दो त्रिभुजों की संगत भुजाएँ आनुपातिक (proportional) हैं, तो इसका अर्थ है कि वे दो त्रिभुज समरूप हैं।
\(\frac{AB}{PQ} = \frac{BC}{QR} = \frac{AC}{PR}\)
अत:, ∆ABC ~ ∆PQR
यदि संगत भुजाओं की लंबाई भी बराबर होती, अर्थात AB = PQ; BC = QR; AC = PR, तब ये दोनों त्रिभुज न केवल समरूप होते, बल्कि सर्वांगसम भी होते।
SAS नियम
यह भुजा-कोण-भुजा (side-angle-side) समरूपता मानदंड है।
दो त्रिभुज समरूप होते हैं यदि:
उनकी दो संगत भुजाएँ आनुपातिक हैं, अर्थात् \(\frac{BC}{QR} = \frac{AC}{PR}\), और
- उन दोनों भुजाओं के बीच का कोण भी बराबर है, अर्थात ∠C = ∠R
अत:, ∆ABC ~ ∆PQR
यदि उनकी दो संगत भुजाओं की लंबाई भी बराबर होती, अर्थात BC = QR; AC = PR, तब ये दोनों त्रिभुज न केवल समरूप होते, बल्कि सर्वांगसम भी होते।