छूट की अवधारणा क्या है? (What is Concept of Discount?)
Overview
इस लेख में हम क्वांटिटेटिव एप्टीटुड (गणित) के एक महत्त्वपूर्ण अध्याय के बारे में जानेंगे - What is Concept of Discount?, in Hindi
इस अध्याय से सम्बंधित, अन्य विषयों के बारे में जानने के लिए आप हमारे निम्नलिखित लेख पढ़ सकते हैं:
इस लेख में, हम डिस्काउंट (Discount, बट्टा, छूट) से संबंधित बुनियादी अवधारणाओं का अध्ययन करेंगे। आइए कुछ बुनियादी शब्दों को समझें, जिनका सामना हम इस अध्याय में अक्सर करेंगे।
छूट से संबंधित बुनियादी शब्द (Terms related to Discount)
अंकित मूल्य (MP)
अंकित मूल्य (या Marked price, MP, या मार्क अप मूल्य) वह मूल्य है जो दुकानदार ग्राहक द्वारा कुछ छूट मांगने की प्रत्याशा में तय करता है।
अंकित मूल्य (M.P.) = C.P. + मार्कअप
छूट (D)
छूट (Discount, या बट्टा) का अर्थ है कम दर पर बेचने के लिए अंकित मूल्य (MP) में कमी करना। इसकी गणना अंकित मूल्य ((MP)) के आधार पर की जाती है।
SP = MP – छूट = MP (1 – छूट%/100)
[ध्यान दें कि (1 - छूट%/100) गुणन कारक है।]
अगर कोई छूट नहीं दी जाती है, तो
तो, SP = MP
छूट प्रतिशत (Discount percentage)
लाभ या हानि प्रतिशत (Profit or Loss percentage) की गणना हमेशा लागत मूल्य (cost price) पर की जाती है। जबकि, छूट प्रतिशत (Discount percentage) की गणना अंकित मूल्य (या सूची मूल्य, marked price, list price) पर की जाती है।
छूट प्रतिशत = (छूट / MP) x 100
शुद्ध लाभ/हानि प्रतिशत ढूँढना (Finding net profit/loss percentage)
दुकानदार CP पर किसी चीज़ को खरीदता है, और फिर MP प्राप्त करने के लिए उसको m% (CP का) से बढ़ा देता है। उसके बाद वह SP प्राप्त करने के लिए d% (MP का) की छूट देता है।
अतः, यदि कोई दुकानदार उत्पादों पर क्रय मूल्य (cost price) से m% अधिक अंकित करता है, और ग्राहक को d% की छूट देता है, तो
अंतिम लाभ या हानि प्रतिशत = m − 𝑑 − \(\frac{(m × 𝑑)}{100}\)% (क्रमिक प्रतिशत-परिवर्तन सूत्र, successive percentage changes formula)
गुणन कारकों (multiplying factors) के संदर्भ में बात करें तो, \(MF_{हानि/लाभ} = MF_{mark-up} × MF_{छूट}\) = (MP/CP) × (SP/MP) = SP/CP
प्र. यदि कोई व्यवसायी अपने उत्पाद पर क्रय मूल्य से 15% अधिक अंकित करता है, और उसके बाद 20% की छूट प्रदान करता है, तो उसका लाभ/हानि प्रतिशत ज्ञात कीजिए।
व्याख्या :
आरेख:
मान लें, कि प्रारंभिक C.P. 100 रुपये हैं। तो, M.P. = 100 + 100 का 15% = रु. 115
अब, S.P. = 115 - 115 का 20% = 115 - 23 = रु. 92
हम S.P. की गणना निम्नानुसार भी कर सकते हैं: S.P. = (80/100) × 115 = रु. 92
अतः, हानि प्रतिशत = (हानि/C.P.) × 100 = (8/100) × 100 = 8%
आरेख:
अतः, यदि कोई दुकानदार उत्पादों पर क्रय मूल्य से m% अधिक अंकित करता है, और ग्राहक को d% की छूट देता है, तो
अंतिम लाभ या हानि% = m − 𝑑 − \(\frac{(m × 𝑑)}{100}% = 15 − 20 − \frac{(15 × 20)}{100}\)% = -5 – 3 = -8%
(ऋण चिह्न दर्शाता है कि हानि हुई है)
आरेख:
गुणन कारकों के संदर्भ में बात करें तो, \(MF_{हानि/लाभ} = MF_{mark-up} × MF_{छूट}\) = 1.15 × 0.80 = 0.92
तो, इसका मतलब है कि SP/CP = 0.92
अत: हानि प्रतिशत = (1 – 0.92) × 100 = 8%
आरेख:
15% = 3/20. अतः, यदि CP = 20, तो MP = 20 + 3 = 23
20% = 1/5. अतः, यदि MP = 5, तो SP = 5 – 1 = 4
लेकिन हम जानते हैं कि MP 23 है, इसलिए SP = (4/5) × 23
अतः, यदि CP = 20, तो SP = (4/5) × 23
इसलिए, यदि CP = 100, तो SP = (4/5) × 23 × (100/20) = 92
अत: हानि प्रतिशत = 8%
यह सब करने के बजाय, हम यह करके अपनी गणना को छोटा कर सकते हैं:
15% = 3/20, इसलिए MP/CP = 23/20
20% = 1/5, इसलिए SP/MP = 4/5
तो, SP/CP = (23/20) × (4/5) = 92/100
अत: हानि प्रतिशत = 8%
प्र. एक दुकानदार अपने द्वारा बेचे जाने वाले कपड़ों पर 30% की छूट देता है, लेकिन फिर भी 5% का लाभ अर्जित करता है। मार्क-अप प्रतिशत कितना होना चाहिए?
व्याख्या :
आरेख:
माना CP = रु. 100
चूँकि वह 5% का लाभ कमाता है, इसलिए SP = 100 + 100 का 5% = रु. 105
क्यूंकि 30% की छूट दी गई थी, हम कह सकते हैं कि 70%, 105 रुपये के बराबर है।
इसलिए 100%, 105 × (100/70) = 150 रुपये के बराबर होगा।
तो, मार्क-अप प्रतिशत = (50/100) × 100 = 50%
आरेख:
30% छूट = 3/10, इसलिए SP/MP = 7/10
5% लाभ = 1/20, इसलिए SP/CP = 21/20
तो, MP/CP = (10/7) × (21/20) = 3/2 = 1.5
इसलिए, मार्क-अप प्रतिशत = 50%
आरेख:
मान लेते हैं कि, C.P. = रु. 100 और मार्क अप प्रतिशत x% है।
इसलिए, M.P. = रु. 100 + x
और S.P. = (100 + x) का 70% = 0.70 (100 + x)
चूंकि वह 5% का लाभ कमाता है, उसका S.P. 105 रुपये होना चाहिए।
तो, 0.70 (100 + x) = 105
या 70 + 0.7x = 105
या 0.7x = 35
या x = 50%
क्रमिक छूट की अवधारणा (Concept of Successive Discounts)
अवधारणा 1: मूल सूत्र
अगर दो छूट दी गयी हैं:
और यदि पहली छूट x% है, और दूसरी छूट y% है, तो
कुल छूट प्रतिशत = (x + y − \(\frac{xy}{100}\))%
SP = MP × (1 − \(\frac{x}{100}) (1 − \frac{y}{100}\))
यदि तीन छूट x%, y% और z% हैं, तो:
SP = MP × (1 − \(\frac{x}{100}) (1 − \frac{y}{100}) (1 − \frac{z}{100}\))
प्र. 10%, 20% और 50% क्रमिक छूटों के बराबर एकल छूट क्या होगी?
व्याख्या :
मान लीजिए, MP = रु. 100
तो, \(SP_1\) = 100 - 100 का 10% = रु. 90
\(SP_2\) = 90 – 90 का 20% = 90 – 18 = रु. 72
\(SP_3\) = 72 - 72 का 50% = 72 - 36 = रु. 36
तो, छूट प्रतिशत = [(100 – 36)/100] × 100 = 64%
मान लीजिए, MP = रु. 100
यदि तीन छूट x%, y% और z% हैं, तो:
SP = MP × (\(1 − \frac{x}{100}) (1 − \frac{y}{100}) (1 − \frac{z}{100})\) = 100 × (90/100) × (80/100) × (50/100) = 100 × (9/10) × (4/5) × (1/2) = रु. 36
तो, छूट प्रतिशत = [(100 – 36)/100] × 100 = 64%
प्र. एक व्यापारी 20% और 10% की लगातार दो क्रमिक छूटें देता है। यदि वह वस्तु को रु. 108 पर बेचता है, तो वस्तु का अंकित मूल्य क्या होगा ?
(a) रु. 120
(b) रु. 135
(c) रु. 140
(d) रु. 150
व्याख्या:
शुद्ध छूट (Net discount) = -20 - 10 + (200/100) = 28%
SP = MP × [(100 - छूट प्रतिशत)/100]
or 108 = MP × [(100 - 28)/100]
or 108 = MP × (72/100)
or MP = रु. 150
हम विकल्पों का भी उपयोग कर सकते हैं, और 20% और 10% की लगातार दो छूटें लागू कर सकते हैं| फिर देखें कि कौन सा विकल्प 108 रुपये का अंतिम मूल्य देता है। यह मानसिक रूप से, अर्थार्थ मन-ही-मन में किया जा सकता है - शायद यह इस प्रश्न को हल करने का एक तेज़ तरीका होगा।
उत्तर: (d)
अवधारणा 2
क्रमिक छूट के मामले में, कुल छूट कम होती है यदि दो छूटों के मान करीब हैं।
आइए देखें कैसे।
हम पहले से ही जानते हैं कि, शुद्ध छूट प्रतिशत = (x + y − \(\frac{xy}{100}\))%
जब x + y = स्थिरांक (constant) हो, तो x = y होने पर xy का मान सबसे बड़ा होता है। x और y के मान जितने करीब होंगे, xy का मान उतना ही अधिक होगा, और कुल छूट प्रतिशत (net discount percentage) का मान उतना ही कम होगा।
उदाहरण के लिए, यदि x + y = 20, तो xy का अधिकतम मान = 10 × 10 = 100 (अर्थात जब x = y = 10)
तो, कुल छूट प्रतिशत = 10 + 10 - 1 = 19% (न्यूनतम संभव मूल्य)
यदि x = 1, और y = 19, तो कुल छूट प्रतिशत = 1 + 19 – 0.19 = 19.81%
प्र. उत्पाद पर अपने लाभ को अधिकतम करने के लिए, एक दुकानदार को 40% और 30% की दो छूट प्रदान करनी चाहियें, या 50% और 20% की दो छूट?
व्याख्या :
मान लीजिए MP रु. 100 है|
केस 1:
40% छूट के बाद, SP = रु. 60
और 30% छूट के बाद, SP = रु. 42
केस 2:
50% छूट के बाद, SP = रु. 50
और 20% छूट के बाद, SP = रु. 40
तो, दुकानदार को 40% और 30% की छूट का विकल्प चुनना चाहिए। इस तरह उसके द्वारा दी जाने वाली कुल छूट कम होगी।
केस 1:
40% छूट = 2/5; तो, SP1/MP = 3/5
30% छूट = 3/10; तो, SP2/SP1 = 7/10
तो, SP2/MP = (3/5) × (7/10) = 21/50 = 42/100
तो, कुल छूट = 58%
केस 2:
50% छूट = 1/2; तो, SP1/MP = 1/2
20% छूट = 1/5; तो, SP2/SP1 = 4/5
तो, SP2/MP = (1/2) × (4/5) = 4/10 = 40/100
तो, कुल छूट = 60%
तो, दुकानदार को 40% और 30% की छूट का विकल्प चुनना चाहिए। इस तरह उसके द्वारा दी जाने वाली कुल छूट कम होगी।
Case 1:
40% और 30% छूट के बाद कुल छूट = (x + y − \(\frac{xy}{100})\)% = (40 + 30 − \(\frac{(40)(30)}{100})\)% = 70 – 12 = 58%
Case 2:
50% और 20% छूट के बाद कुल छूट = (x + y − \(\frac{xy}{100})\)% = (50 + 20 − \(\frac{(50)(20)}{100}\))% = 70 – 10 = 60%
तो, दुकानदार को 40% और 30% की छूट का विकल्प चुनना चाहिए। इस तरह उसके द्वारा दी जाने वाली कुल छूट कम होगी।
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